Monday, 23 May 2016

उंगली पकड़ के आपने.....



उंगली पकड़ के आपने,
सिखाया था मुझको चलना
पंछी बनकर गगन में,
है कैसे मुझको उड़ना


बिठा के एक दिन कहा था मुझसे
आएंगे रोड़े रास्ते में, तय है तेरा गिरना
बात ये मेरी रखना हमेशा याद
गिरना, संभलना, उठना और फिर चलना...

पोछना सब की आंसुओ को
पर खुद ना कभी तू रोना
चाहे कैसा भी आये वक्त
हरदम मुस्कुराते रहना।

वेद प्रकाश साहू'आज़ाद'
(२०१५ की रचना)

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